रचनात्मकता और निर्णय-आधारित नौकरियां
वे नौकरियां जो रचनात्मकता और जटिल निर्णय लेने की क्षमता पर आधारित होती हैं—जैसे कि डिज़ाइनर, कलाकार, रणनीतिकार और लेखक—वे ऑटोमेशन से कम प्रभावित होती हैं। कपेलियन के अनुसार, इन भूमिकाओं में “उच्च स्तर की सोच और रचनात्मकता” की जरूरत होती है और ये ऐसी विशिष्ट स्किल्स होती हैं जिन्हें डिजिटल टूल्स कॉपी नहीं कर पाते।
AI से जुड़ी नौकरियां
जहां एक तरफ कुछ नौकरियां खत्म हो रही हैं, वहीं दूसरी तरफ नई नौकरियां भी पैदा हो रही हैं। AI डेवलपमेंट, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और एथिकल AI जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं बन रही हैं। ये नौकरियां न केवल अच्छी सैलरी देती हैं बल्कि विभिन्न सेक्टरों में AI को कैसे लागू किया जाए, इसमें भी अहम भूमिका निभाती हैं। PwC की रिपोर्ट बताती है कि जिन कंपनियों ने AI को अपनाया है, उनमें तेज़ी से रेवेन्यू ग्रोथ हुआ है। इससे उन प्रोफेशनल्स की डिमांड बढ़ गई है जो तकनीक को समझते हैं और उसके साथ काम कर सकते हैं।
कौन-सी नौकरियां सबसे ज्यादा खतरे में हैं?
वो नौकरियां जो बार-बार दोहराए जाने वाले कामों, सीमित निर्णय क्षमता और स्ट्रक्चर्ड इनपुट पर आधारित होती हैं—जैसे कि मैनुअल लेबर, सरल डाटा एंट्री या रूटीन काम—वे सबसे पहले ऑटोमेशन की चपेट में आती हैं। जिन नौकरियों में सहानुभूति, अंतर्ज्ञान या जटिल मानव निर्णय की जरूरत नहीं होती, वे तेजी से खत्म हो सकती हैं।
AI के साथ कदम मिलाकर चलना होगा
हालांकि ऑटोमेशन से कुछ नौकरियां जाएंगी, लेकिन यह नई संभावनाओं के रास्ते भी खोलेगा। जैसे-जैसे बुनियादी काम ऑटोमैटिक होंगे, प्रोफेशनल्स को रणनीति, नवाचार और इंसान-केन्द्रित समस्याओं के समाधान पर ध्यान देने का मौका मिलेगा। बदलते जॉब मार्केट में खुद को आगे बनाए रखने की कुंजी यह है कि हम AI के साथ मिलकर काम करने की क्षमता विकसित करें—इसके मजबूत पक्षों का उपयोग करते हुए वे मानवीय स्किल्स अपनाएं जिन्हें मशीन दोहरा नहीं सकती।