भारत और इंग्लैंड की महिला टीमों के बीच ट्रेंट ब्रिज (इंग्लैंड) में खेले गए पहले T20 मुकाबले में स्मृति मंधाना ने इतिहास रच दिया। मंधाना ने 62 गेंदों में 112 रनों की विस्फोटक पारी खेलते हुए एक अनोखा रिकॉर्ड अपने नाम किया – वह अब भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गई हैं जिन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 – तीनों अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट में शतक लगाया है।
इस शतकीय पारी में उन्होंने 15 चौके और 3 छक्के लगाए। उनके आक्रामक लेकिन संतुलित अंदाज़ की बदौलत भारत ने 20 ओवरों में 210 रन बनाए, जो इंग्लैंड के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा T20 स्कोर भी है। भारत की इस पारी में हरलीन देओल (43 रन) और दीप्ति शर्मा ने भी योगदान दिया।
स्मृति की यह पारी सिर्फ रन बनाने की नहीं थी, बल्कि एक बयान था – कि भारतीय महिला क्रिकेट अब किसी भी स्तर पर मुकाबला करने में सक्षम है। खासकर इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के खिलाफ, और विदेशी जमीन पर। इस पारी में उन्होंने इंग्लैंड की दिग्गज स्पिनर सोफी एक्लेस्टोन को भी शानदार तरीके से खेला, जो आमतौर पर बल्लेबाजों को परेशान करती हैं।
इंग्लैंड की ओर से लॉरेन बेल ने तीन विकेट लिए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जवाब में इंग्लैंड की टीम लक्ष्य के करीब भी नहीं पहुंच सकी और भारत ने मुकाबला बड़ी आसानी से जीत लिया।
यह मंधाना का पहला T20 शतक था और वह अब उन गिने-चुने क्रिकेटरों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने तीनों फॉर्मेट में सेंचुरी लगाई है – चाहे पुरुष हों या महिला। इससे पहले यह कारनामा सिर्फ कुछ नामी पुरुष खिलाड़ियों ने किया है जैसे रोहित शर्मा, बाबर आज़म और डेविड मलान।
क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि यह सिर्फ एक पारी नहीं थी, बल्कि भारत की महिला क्रिकेट की दिशा बदलने वाला क्षण था। मंधाना अब केवल एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन गई हैं – उन लड़कियों के लिए जो बड़े सपने देखती हैं और उन्हें पूरा करना चाहती हैं।